सुरमई शाम का समय है, आसमान सुनहरी छटा बिखेरे है। सुरमई शाम का समय है, आसमान सुनहरी छटा बिखेरे है।
रवि की आंखों में अपने बचपन के एक साथी के लिए प्यार, अपनापन और आदर था । रवि की आंखों में अपने बचपन के एक साथी के लिए प्यार, अपनापन और आदर था ।
अचानक रवि को याद आया कि विनोद के यहां आने का कारण तो पूछा ही नहीं ? अचानक रवि को याद आया कि विनोद के यहां आने का कारण तो पूछा ही नहीं ?
मैंने तो तुमसे कभी इस रिश्ते को कोई नाम देने के लिए भी नहीं कहा। मैंने तो तुमसे कभी इस रिश्ते को कोई नाम देने के लिए भी नहीं कहा।
आज तो विदाई की बेला में रो लेने दो! हल्का कर लेने दो जी! हमेशा यही क्यूं सुने कि लड़के रोते नहीं! ... आज तो विदाई की बेला में रो लेने दो! हल्का कर लेने दो जी! हमेशा यही क्यूं सुने ...
गुरुकुल में बाबूजी के अनुभव की रोचक कहानी .. १९४७ की गुरुकुल में बाबूजी के अनुभव की रोचक कहानी .. १९४७ की